मांस खाना पाप है :-

एक समय एक संत अपने शिष्य के साथ कहीं जा रहा था। वहाँ पर एक मछियारा तालाब से मच्छलियाँ पकड़ रहा था। मच्छलियाँ जल से बाहर तड़फ-2 कर प्राण त्याग रही थी। शिष्य ने पूछा हे गुरुदेव! इस अपराधी प्राणी को क्या दण्ड मिलेगा ? गुरुजी ने कहा बेटा! समय आने पर बताऊँगा।
 चार-पांच वर्ष के पश्चात् दोनों गुरु शिष्य कहीं जाने के लिए जंगल से गुजर रहे थे। वहां पर एक हाथी का बच्चा चिल्ला रहा था। उछल कूद करते समय हाथी का बच्चा दो निकट-2 उगे वृक्षों के बीच में फंस गया वह निकल तो गया परन्तु निकलने के प्रयत्न में उसका सर्व शरीर छिल गया था तथा उसके शरीर में जख्म हो गए थे।
 उसके सारे शरीर में कीड़े चल रहे थे। जो उसको नोच रहे थे। वह हाथी का बच्चा बुरी तरह चिल्ला रहा था। शिष्य ने गुरु जी से पूछा कि हे गुरुदेव! यह प्राणी कौन से पाप का दण्ड भोग रहा है। गुरुदेव ने कहा पुत्र यह वही मच्छियारा है जो उस शहर के बाहर जलास्य से मच्छलियाँ निकाल रहा था।

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