कबीर परमात्मा का ज्ञान...👇👇
कबीर साहेब जी ने कहा है कि मनुष्य जन्म बहुत अनमोल है इसे शास्त्र विरुद्ध साधना करके व्यर्थ नहीं करना चाहिए, क्योंकि मनुष्य जन्म बार बार नहीं मिलता। मानुष जन्म दुर्लभ है, ये मिले ना बारंबार। जैसे तरवर से पत्ता टूट गिरे, वो बहुर न लगता डार।। अद्भुत ज्ञान परमात्मा का कबीर साहेब ने हमे अक्षर पुरुष, क्षर पुरुष और तीनों देवता की स्थिति का वर्णन इस वाणी के द्वारा समझाया है। कबीर, अक्षर पुरुष एक पेड़ है, निरंजन वाकी डार। तीनों देवा शाखा हैं, ये पात रूप संसार।। तत्वज्ञान कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्रानुकूल भक्ति तथा शास्त्रविरूद्ध भक्ति का भेद बताया। शास्त्र अनुकूल साधना करने से सुख व मोक्ष संभव है तथा शास्त्रविरूद्ध साधना करने से जीवन हानि तथा नरक व चौरासी का कष्ट सदैव बना रहेगा। (गीता अ.16, श्लोक 23-24) वास्तविक धर्म का ज्ञान कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान हैं। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये। जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।। हिंदू मुस्लिम